भारत की हेवी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट इंडस्ट्री ऊर्जा क्षेत्र की रीढ़ है, जो बॉयलर, टर्बाइन, जनरेटर और स्विचगियर जैसे उपकरणों का निर्माण करती है। यह इंडस्ट्री अपने गोल्डन फेज में है, और भारतीय इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट मार्केट 2024 से 2028 तक USD 76.24 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है, जिसमें 14.3% की CAGR है। यह विकास सीधे भारत के पावर कैपेसिटी एडिशन प्रोग्राम से जुड़ा हुआ है। आज हम ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टिफायर्स इंडिया लिमिटेड (TRIL) के बारे में बात करेंगे।

शेयर प्राइस मूवमेंट
TRIL का मार्केट कैपिटलाइजेशन ₹12,800.57 करोड़ है, और इसका शेयर प्राइस अभी ₹852.25 प्रति शेयर पर ट्रेड हो रहा है, जो पिछले क्लोजिंग प्राइस ₹822.60 से 4% अधिक है। यह वृद्धि निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, खासकर जब कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने की घोषणा की है। मतलब, अगर आपके पास ₹1 फेस वैल्यू का 1 इक्विटी शेयर है, तो आपको 1 अतिरिक्त शेयर मिलेगा, रिकॉर्ड डेट 14 फरवरी 2025 है।
Q3FY25 का मजबूत प्रदर्शन
TRIL ने Q3FY25 में ₹545 करोड़ का स्टैंडअलोन रेवेन्यू रिपोर्ट किया, जो पिछले वर्ष से 49% अधिक है। EBITDA 136% की छलांग लगाकर ₹87 करोड़ पर पहुंचा, जिसमें 15.69% का मार्जिन था। PAT भी 276% बढ़कर ₹50 करोड़ हो गया, जिसमें 9.12% का मार्जिन था। ये आंकड़े कंपनी के मजबूत ऑपरेशनल और फाइनेंशियल ग्रोथ को दर्शाते हैं।
ऑर्डर बुक
31 दिसंबर 2024 तक, TRIL का अनएक्जीक्यूटेड ऑर्डर बुक ₹3,686 करोड़ का है, और ₹19,000 करोड़ के इन्क्वायरीज नेगोशिएशन और बिडिंग स्टेज पर हैं। Q3FY25 में ₹631 करोड़ के नए ऑर्डर मिले, जो Q2FY25 के ₹1,000 करोड़ से कम है। लेकिन, यह कम ऑर्डर एक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें कंपनी हाई-मार्जिन प्रोजेक्ट्स और बेहतर पेमेंट टर्म्स वाले डील्स पर फोकस कर रही है।
स्ट्रैटेजिक डेवलपमेंट्स
TRIL ने अपने कच्चे माल की लागत को 4% तक कम करने के लिए एक CRGO प्रोसेसिंग यूनिट में कंट्रोलिंग स्टेक हासिल किया, जिससे 100% बैकवर्ड इंटीग्रेशन हासिल हुआ। साथ ही, कंपनी ने 3 टेक्नोलॉजिकल टाई-अप्स सुरक्षित किए हैं, जो सप्लाई चेन एफिशिएंसी और क्षमताओं को बढ़ाएंगे। PGCIL अनुमोदन के लिए भी प्रगति हुई है, और 500 MVA शॉर्ट-सर्किट टेस्ट सफल रहा।
भविष्य के विकास की तैयारी
TRIL का 15,000 MVA कैपेसिटी एक्सपेंशन प्रोजेक्ट फरवरी-मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा, और Q1 FY26 से ऑर्डर इनटेक शुरू हो जाएगा। कंपनी का लक्ष्य FY25 में ₹3,500 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करना है, और अगले 3-4 सालों में $1 बिलियन के रेवेन्यू तक पहुंचना है।
मार्केट पोजिशन और आउटलुक
TRIL का प्रबंधन भारत के ऊर्जा क्षेत्र के विकास को लेकर आशावादी है, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के अवसरों के मामले में। कंपनी का फोकस हाई-यील्ड और क्विक-पेमेंट प्रोजेक्ट्स पर है, जिससे लाभप्रदता बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह रणनीति TRIL के फाइनेंशियल प्रदर्शन और दीर्घकालिक स्थिरता को मजबूत बनाने में मदद करेगी।
कंपनी प्रोफाइल
ट्रांसफॉर्मर्स एंड रेक्टिफायर्स (इंडिया) लिमिटेड एक प्रमुख निर्माता है जो पावर, फर्नेस और रेक्टिफायर ट्रांसफॉर्मर बनाता है। यह कंपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों को अपने उत्पाद सप्लाई करती है, और अपने नवोन्मेषी दृष्टिकोण और रणनीतिक विस्तार के कारण इंडस्ट्री में एक मजबूत स्थान रखती है।
TRIL का मार्केट पोटेंशियल
TRIL का प्रदर्शन और भविष्य की विकास संभावनाएं दोनों ही मजबूत हैं। बोनस शेयर, कैपेसिटी एक्सपेंशन और स्ट्रैटेजिक टाई-अप्स जैसे कारक कंपनी को एक स्थिर और लाभदायक भविष्य की ओर ले जा रहे हैं। ऊर्जा क्षेत्र का विकास और कंपनी का मजबूत फाइनेंशियल प्रदर्शन इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है।
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